छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक के बाद एक मास्टरस्ट्रोक मार रहे हैं। पहले उन्होंने टी.एस सिंहदेव को राज्य का उप-मुख्यमंत्री बनाकर उन्हें अपने पाले में लिया और अब इस वर्ष 15 अगस्त को सभी संविदा कर्मचारियों को पर्मानेंट भी किया जा सकता है।
वर्ष 2018 में कांग्रेस के घोषणापत्र में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का ज़िक्र था। इसी मांग को लेकर ये कर्मचारी लंबे समय से हड़ताल और प्रदर्शन कर रहे थे। भाजपा के नेता भी इस मांग को लेकर लंबे समय से धरना और प्रदर्शन कर रहे थे। भाजपा नेता कर्मचारियों के धरने में पहुंचकर सत्ता में आने पर संविदा कर्मचारियों को पर्मानेंट करने की बात लगातार कह रहे थे। लेकिन अब अगर भूपेश बघेल सरकार द्वारा अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई कर दिया जाता है, तो भाजपा का ये मुद्दा भी खत्म हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार ने विभागों और मंत्रालयों से साल 2004 से लेकर 2018 और 2019 से लेकर 2023 के बीच रखे गए कर्मचारियों का अलग-अलग ब्यौरा मांगा है। छत्तीसगढ़ के 47 विभागों में अनियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की संख्या करीब 50,385 है। वहीं संविदा और दूसरे श्रेणी के कर्मचारियों की संख्या 36,871 है।
भाजपा का कहना है कि शिलान्यास और उद्घाटन करने और वादा पूरा करने में बड़ा अंतर होता है। बघेल सरकार केवल ऐलान करती है, वादे पूरे नहीं करती। शराबबंदी समेत कई मुद्दों में यह देखा जा चुका है। संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का भी ऐलान होता है या नहीं, अगर होता है तब क्या वह नियमित किए जाते हैं यह देखना होगा।
ये भी पढ़ें: भोजन- पानी को लेकर छात्रों ने किया हाईवे जाम, 10 किमी पैदल चलकर पहुंचे वाड्रफनगर